Saturday, May 24, 2008

आरुषि का रहस्य.....

आजकल मीडिया में एक खबर ने बहुत तेजी पकड़ी हुई है॥ वो है नोएडा का आरुषि हेमराज हत्याकाण्ड॥ इस खबर की प्रमुखता क्यों दी गई है। ये समझ से परे है... क्योंकि तमाम ऐसी खबरे है जिन्हे प्रमुखता मिलनी चाहिए थी॥ लकिन आरुषी के चलते ऐसा नहीं हो सका... आरुषी की वो मासूम सी मुस्कुराहट शायद सबके दिल में घर कर गई... लोग उससे इतना जुड़ गये मानो हत्यारे को सजा दिलाकर ही दम लेंगे... जन भावना को हथियार बनाकर न जाने कितनी बार मीडिया वोलों ने टीआरपी गेन की है॥ इस बार भी ऐसा ही हुआ...सारे चैनल राशन पानी लेकर इस खबर के पीछे पड़ गये॥ मानो उनकी अपनी बेटी की हत्या हो गई॥ कई एंकर तो ऐसे चिल्ला रहें थे जैसे उनके सामने ही हत्या को अंजाम दिया गया हे...आखिरकार लोगों की मेहनत रंग लाई और आननन फानन में पुलिस ने आरुषि के पिता को ही आरोपी करार दे दिया और गिरफ्तारी भी हो गई... अब लग रहा था जैस चैनल वालों को और आम जनता के साथ में पुलिस को भी राहत की सांस मिल गई हो.... लेकिन सवाल ये उठता हैं कि कोई बाप अपनी ही बेटी की हत्या क्यों करवायेगा...जो तर्क पुलिस ने दिये हैं॥ उसका कोई जवाब नहीं... हंलांकि हमे केस की गहराई में ज्यादा नहीं जाना चाहिए...अब देखना ये हैं कि चैनलों की मुहिम किस मुजरिम को जेल की सलाखों के पीछे भिजवाती है... और अगला कौन सा केस इनहे टीआरपी गेन करने में मददद करता है......धन्यवाद

Wednesday, May 21, 2008

कांग्रेस विध सपा... ए लव स्टोरी.....

कांगॅसे और सपा का प्रेम प्रसंग अब किसी से छुपा नहीं है...कभी चाणक्य ने जब में कौटिल्यशाष्त्र लिखा था॥ उसमे राजनीति से जुड़ी कई बातें भी लिखी... उसने लिखा कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है॥ उसी तरह उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस का एक ही दुश्मन है...वो है बसपा...बसपा की बढ़ती ताकत से ये दल बौखलाये हुए हैं॥ उन्हे राजनीति के इस नफे नुकसान का हिसाब लगाकर यही लगता है कि अब समय आ गया॥ जब वो पुरानी कड़वाहट भूलकर हाथ मिला लें....तभी तो कांग्रेस को कभी दुश्मन नम्बर एक बताने वाले मुलायम सिंह को आज उसमे प्यार नजर आ रहा है...वही कांग्रेस भी पुराने गिले शिकवे भूलकर॥सपा से हाथ मिलाने को बेकरार दिखती...इस पूरी खिचड़ी में आम जनता का कितना भला होगा॥ ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा॥ लेकिन अगर पत्रकार कि नजर से देखें तो ये राजनीतिक दलों की घटते जनाधार को पाने की कवायद से ज्यादा कुछ नहीं लगता...

Tuesday, May 20, 2008

लगन महुरत झूठ सब

आजकल न्यूज़ चैनलों में ज्योतिष कार्यक्रमों की बाढ सी आई हुई॥ जयपुर के धमोके हो॥या कोई मैच॥सभी न्यूज़ चैनल बकायदे हवन का आयोजन भी कर रहें है...आधुनिकता में संस्कृति की घुसपैठ समझ से परे लगती है.... आज किस रंग के कपड़े आप पहने किस आंक पर आपका सबसे ज्यादा प्रभाव होगा॥सुबह सुबह बुद्धु बक्सा आपको यही बताता है..चैनल आप कोई भी लगाइये॥ सभी चैनलों पर आपको क बाबा बैठे हुए मिल जायेंगे...जो आपकों हर तरह की हिदायतें देंगे भले ही...उन्हे अपना भविष्य ना मालूम हो लेकिन आपका भविष्य बताने का माद्दा रखते है....इस पूरे मामलेपर सारा दोष चैनलों पर मढ़ना भी ठीक नहीं है...क्योंकि इसमे कहीं न कही आप लोग भी शामिल है ॥ क्योंकि आप जैसे दर्शक ही न चैनलों की चीआरपी को बढ़ा रहें है...संस्कृति से जुड़ना कतई गलत नहीं है॥ लेकिन क्या बिना विज्ञान की कसौटी पर कसे धारणाओं का अंधानुकरण कितना उचित है॥ इसका फैसला आप ही करिये.....

Monday, May 19, 2008

मेरी खूबसूरत बुराई के नाम

तुझसे बेहतर तो वो है..
जो जलती है मेरे साथ...
इसे मोहब्बत कहें तो..
जायज़ होगा.....

आईपीएल मैच बनाम मीडिया

आजकल लोगो पर आईपील मैच का खुमार छाया हुआ है॥ हां हो भी क्यों ना...ये मैच देश क्षेत्र और दूसरी सीमाओं से जो नहीं बंधे हैं...आईपील के एक मैच का मतलब है विशुद्ध मोरंजन...सबसे मजेदार बात ये है कि इन मैचों की टीआरपी से बौख़लाये.. ख़बरिया चैनलों को सूझ नहीं रहा कि आखिर क्या करें और क्या दिखायें...क्रिकेट का २०-२० यानि मनोरंजन का १००-१०० ...तकरीबन साढ़े तीन घंटे का भरपूर मनोरंजन...अब ऐसे में दर्शक बोझिल न्यूज़ चैनल की घिसी पिटी खबरें क्यों देखे...यहां सबेस बड़ा सवाल ये ही है... वहीं खबरिया चैनलवालों की बात करें तो...लगता है कि वो भी मनोरंजन के बाप के आगे नतमस्तक है...उन्हे कोई तरकीब नहीं सूझ रही कि आखिर टीआरपी की ये जंग कैसी जीती जाये...आईपीएल मैच बनाम मीडिया की इस जंग में फिलहाल २०-२० बढ़त बनाये हुए है...अब देखना दिलचस्प होगा कि ये खबरिया चैनल अपने प्राइम टाइम के दर्शोकों वापस कैसे खींच लाते हैं॥ हालींकि जयपुर के बम धमाके भी.. आइपीएल मैचे की टीआरपी हिलाने में नाकामयाब रहें हैं....धन्यवाद